शाला प्रबंधन समिति गठन SMC CHHATTISGARH
शाला प्रबंधन समिति गठन SMC CHHATTISGARH में कैसे करते हैं क्या उनके कार्य हैं क्या उत्तरदायित्व हैं , इन सबके बारे में जानेंगे।
स्कूल प्रबंधन समिति क्या है?
स्कूल प्रबंधन समिति आर टी ई एक्ट के अंतर्गत विकेन्द्रीकृत व्यवस्था का बुनियादी हिस्सा है- जिससे ज़मीनी स्तर के हितधारकों को स्कूल के शासन में में भाग लेने का मौका मिलता है।
यह प्रावधान कब और कैसे लागू हुआ?
शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के अनुभाग 21 में स्कूल प्रबंधन समिति (या एस.एम.सी.) का गठन सभी सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में अनिवार्य किया गया है।
समिति का हिस्सा कौन होते हैं?
स्कूल प्रबंधन समिति में स्कूल के हेडमास्टर, अध्यापक, बच्चों के माता-पिता और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी होते हैं, जो स्कूल की योजना बनाने का और स्कूल के कार्यों और गतिविधियों पर निगरानी रखते हैं।
स्कूल प्रबंधन समिति के उद्देश्य
• बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करना।
• प्रारंभिक शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा निति द्वारा निर्धारित उपलब्ध नामांकन ठहराव एवं शैक्षणिक उपलब्धि के लक्ष्यों प्राप्ति सुनिश्चित करना।
• स्कूल प्रबंधन समिति में अभिभावकों व शिक्षकों की भागीदारी को सशक्त करना।
• सरकार व अन्य स्त्रोतों से प्राप्त स्कूल अनुदानों, सुविधाओं के उपयोग के निर्णय कार्यान्वयन व् अनुश्रवण हेतु अभिभावक शिक्षक समुदाय को सशक्त करना।
• विद्यार्थियों के शैक्षणिक उपलब्धि स्तर में सुधार हेतु सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना।
• स्कूल विकास एवं प्रबंधन हेतु सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करते हुए समुदाय को स्कूल गतिविधियों से परिचित करवाना।

स्कूल प्रबंधन समिति के दो मुख्य अंग है-
- स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा तथा
- स्कूल प्रबंधन समिति की कार्यकारी परिषद।

स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा व कार्यकारी परिषद
- स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा में स्कूल के असपास का समुदाय भाग लेता है और स्कूल प्रबंधन समिति में उसी समुदाय में से कार्यकारिणी के लिए 10-15 सदस्यों का आपसी सहमती से चुनाव किया जाता है।
- स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा आवश्यकता अनुसार बैठक बुलाने का निर्णय ले सकती है। इसके लिए कम से कम 10 सदस्यों द्वारा सचिव को नोटिस देना आवश्यक होता है।
- स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक, स्कूल के अध्यापक और पंचायत प्रतिनधि पदेन सदस्य के रूप में होते हैं ।
- स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा मुख्य रूप से तीन वार्षिक बैठक आयोजित करती है। पहले स्कूल शैक्षणिक स्तर आरम्भ होने के 15 दिन के भीतर कार्यकारी परिषद का चुनाव किया जाता है।
- आम सभा अपने में से कार्यकारी सदस्यों का चुनाव | करती है। सदस्यों का चुनाव होने के बाद अध्यक्ष का चुनाव सदस्य आपसी सहमती से करते हैं। कार्यकारिणी के सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होता है।
- आम सभा की दूसरी बैठक शिक्षक दिवस के मौके पर और तीसरी बैठक स्कूल सत्र समाप्त / परीक्षा परिणाम घोषित होने के मौके पर आयोजित की जाती है।
स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा स्कूल विकास योजना तैयार करना
• स्कूल प्रबंधन समिति, वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन-चार माह पूर्व स्कूल विकास योजना का निर्माण करेगी
• एक विद्यालय विकास योजना 3 वर्षों के लिए तैयार की जाती है उसी के मद्देनजर रखते हुए वार्षिक विद्यालय विकास योजना तैयार की जाती है।
• शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंडों के अनुसार विद्यालय में भौतिक संसाधनों एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनश्चित करवाना
• स्कूल विकास योजना में निम्न विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है ।
- विद्यालय का भौतिक विकास
- शैक्षिक गतिविधियाँ
- सह-शैक्षिक गतिविधियाँ
- अनुश्रवण एवं निगरानी
FOLLOW – Edudepart.com
शिक्षा जगत से जुड़े हुए सभी लेटेस्ट जानकारी के लिए Edudepart.com पर विजिट करें और हमारे सोशल मिडिया @WhatsApp @Twitter @Telegram@Facebook @ Youtube को जॉइन करें। शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये आदेशों व निर्देशों का अपडेट के लिए हमें सब्सक्राइब करें।