भारत सरकार ने देश की बेटियों को आत्मरक्षा का गुण सिखाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम (Rani Laxmibai Self Defense Training Programme) की शुरुआत की है। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत देश की सभी बच्चीओ को अपनी सुरक्षा के लिए तैयार करना ही सरकार का लक्ष्य है। मौजूदा समय में ये कार्यक्रम देश के बिभिन्न जिलों में चलाया जा रहा है।
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रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण मद की राशि उपयोग निर्देश 2023-24
समग्र शिक्षा के वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट वर्ष 2023-24 अनुसार रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए तीन माह हेतु प्रति शाला 15000 रू. के मान से 12518 पूर्व माध्यमिक शाला के लिए राशि रू. 1877.70 लाख एवं 4575 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए राशि रू. 686.25 लाख, कुल 17093 विद्यालयों हेतु कुल राशि रू.2563.95 लाख (शब्दों में राशि रू. पच्चीस करोड़ तिरसठ लाख पन्चानवें हजार रू. मात्र) रू. स्वीकृत है। पूर्व माध्यमिक शाला एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला को आहरण सीमा प्रदान करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति निम्नानुसार प्रदान की जाती है ।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति व निर्देश-
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण वित्तीय स्वीकृति | Open |
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण Scheme Component-
- [P] Rani LakshmiBai Atma Raksha Training
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण मद का उपयोग-
पालन सुनिश्चित करें-रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण 15 सितम्बर 2023 से 15 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जाना है। शालाओं में 90 दिवस का प्रशिक्षण दिया जाना होगा।
- प्रशिक्षकों के चयन हेतु जिला स्तर पर चयन समिति का गठन कलेक्टर के अनुमोदन से किया जावे।
- गठित चयन समिति के द्वारा प्रशिक्षकों का चयन किया जावे एवं उन्हें शाला आबंटित किया जावे।
- जिले में स्वीकृत सभी शालाओं में प्रशिक्षण शत्प्रतिशत अनिवार्यतः कराया जावे।
- प्रशिक्षकों का बैंक खाता संबंधी जानकारी अनिवार्यतः लिया जावे।
- प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षकों की शालावार जानकारी दिये गये निर्धारित प्रपत्र अनुसार देवे । चयनित प्रशिक्षकों द्वारा जुडो, कराटे, ताईक्वांडों, किंक बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट विधाओं में दक्ष खिलाड़ियों / प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण संपादित किया जाये।
- प्रशिक्षण केन्द्र के लिए उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन हेतु प्राचार्य / प्रधानपाठक को जिम्मेदारीदी जाये।
- प्रशिक्षण केन्द्र प्रभारी रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण हेतु रजिस्टर संधारित करेगें, तथा प्रतिदिन बालिकाओं की उपस्थिति अंकित किया जावे।
- प्रति दिन प्रशिक्षण की अवधि कम से कम 30 मिनट की होगी। प्रशिक्षण का समय संबंधित9.शाला के प्राचार्य / प्रधान पाठक तय करेंगें।
- प्रशिक्षण हेतु प्रति शाला राशि रू. 15000.00 स्वीकृत है। शालाओं को आहरण सीमा जारी की जावे।
- प्रशिक्षण समाप्ति के पश्चात एक सप्ताह के भीतर कार्य दिवस के अनुसार प्रशिक्षक को भुगतान करना अनिवार्यतः सुनिश्चित करें।
- प्रशिक्षक को PFMS के माध्यम से शालाओं के प्राचार्य / प्रधान पाठक द्वारा भुगतान कियाजाये।
- प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं से किसी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी प्रशिक्षक द्वारा नहींजा सकती।
- महिला प्रशिक्षक अनिवार्य है। यदि किसी कारणवश महिला प्रशिक्षक न हो तो संबंधित शाला के महिला शिक्षक की उपस्थिति में प्रशिक्षण शाला परिसर में ही कराया जाए।
- प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन बालिकाओं की सुरक्षा हेतु प्रभारी शिक्षिका प्रशिक्षण प्रारंभसमय से समाप्ति तक रूकेंगे एवं सभी बालिकाओं के जाने के बाद ही प्रस्थान करेंगे।
- पूर्व माध्यमिक शालाओं हेतु जिला मिशन समन्वयक एवं हाई / हायर सेकेण्डरी शालाओं हेतु जिला शिक्षा अधिकारी सह जिला परियोजना अधिकारी प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण करेंगे एवं अपने अधिनस्थों को मॉनिटरिंग हेतु निर्देशित करेगें ।
- समग्र शिक्षा के ऑनलाईन पोर्टल में प्रतिदिन प्रशिक्षण कार्य जैसे- बच्चों की उपस्थिति, प्रशिक्षक की उपस्थिति आदि की जानकारी प्राचार्य / प्रधान पाठक द्वारा अनिवार्यतः प्रविष्ट किया जाये।
- जिले द्वारा 90 दिवस के प्रशिक्षण समाप्ति पश्चात एक सप्ताह के भीतर पालन प्रतिवेदन ( फोटोग्राफ्स / पेपर कटिंग) सहित उपयोगिता प्रमाण पत्र राज्य कार्यालय को अनिवार्यतः प्रेषित करें।
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