Bagless Day : छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा सत्र सत्र 2025-26 में माह के द्वितीय व चतुर्थ शनिवार को होगा बस्ता विहीन होगा । इस दिन बच्चे बिना बस्ते के विद्यालय आएंगे। इसका तात्पर्य कदापि यह नहीं है कि इस दिन कोई पढ़ाई नहीं होगी बल्कि इस दिन सीखने सिखाने का अंदाज रोचक एवं नवाचारी गतिविधियों से भरपूर होगा।
Bagless Day दिशा निर्देश:-
माह के प्रत्येक द्वितीय व चतुर्थ शनिवार को बैगलेस डे होगा। इस दिन सभी बच्चे बिना बस्ते के आएंगे।
बैगलेस डे राज्य के समस्त शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को बैगलेस-डे होगा।
इस दिन बच्चे बिना बस्ते के विद्यालय आएंगे इसका तात्पर्य कदापि यह नहीं है कि इस दिन कोई पढ़ाई नहीं होगी बल्कि इस दिन सीखने-सिखाने का अंदाज रोचक एवं नवाचारी गतिविधियों से भरपूर होगा।
बैगलेस-डे में कराई जाने वाली गतिविधियाँ खेलकूद, योग, व्यायाम, पेंटिंग, आर्ट एवं क्राफ्ट, अभिनय, रंगोली, क्विज़ प्रतियोगिता, विभिन्न स्थानों का भ्रमण, पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर संबंधी गतिविधि आदि है।
बैगलेड-डे का उद्देश्यः-बैगलेस-डे में आयोजित गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को तनाव रहित, भय रहित वातावरण में देश, राज्य, स्थानीय कला एवं संस्कृति परम्पराओं, खेलों, (योग/व्यायाम) महापुरुष की जयंतियों, ऐतिहासिक तिथियाँ, पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर की जानकारी से अवगत कराना है ताकि बच्चे देश व राज्य की परम्पराओं के बारे में खेल, गीत, अभिनय, रोल प्ले एवं कलाकृतियों आदि के माध्यम से जान सके और अपनी अभिव्यक्ति दे सकें।
बैगलेस-डे की गतिविधियाँ NEP-2020 के सिद्धांतों पर आधारित है।
बैगलेस-डे हेतु जो थीम निर्धारित किये गए है, उसमें परिवर्तन नहीं किया जाएं। किन्तु गतिविधियों में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है।
गतिविधियाँ स्थानीय उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कराई जाएं और पूर्व तैयारी के लिए बच्चों को पहले से निर्देश दें ताकि गतिविधियों का संचालन प्रभावी ढंग से किया जा सकें।
कुछ गतिविधियों के लिए वीडियो/ऑडियो लिंक दिए गए हैं, जिसका उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकता है।
यदि माह में स्थानीय पर्व/मेला/जयंती पड़ रही हो, तो उसका भी समावेश करें।
बैगलेस-डे में कक्षा के सभी बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित करें।
थीम अनुसार शिक्षक अपने विद्यालय में वरिष्ठजन / स्थानीय कलाकार / डॉक्टर को आमंत्रित कर बच्चोंसे चर्चा करवाएं एवं उन्हें बच्चों को सिखाने कहें।
बच्चों द्वारा प्रदर्शित गतिविधियों, खेलों, सृजित सामग्रियों का उत्साहवर्धन करें तथा समयानुसार पालक/विभाग के अन्य अधिकारियों को भी आमंत्रित करें।
जिले से संबंधित अधिकारी मॉनिटरिंग के दौरान कैलेण्डर अनुसार दी गई गतिविधियों का अवलोकन करें।
गाँव/समाज के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित कर माह के किसी भी शनिवार को न्योता भोजकरया जा सकता है।
कक्षा 6 से 8 में 10 शनिवार व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत मोटर, गैरेज, डेयरी फार्म, बैंक आदि स्थानों का भ्रमण रखा गया है। ये गतिविधियाँ सुझावात्मक है शिक्षक अपने स्तर पर भी गतिविधियाँ करा सकते हैं किन्तु थीम को न बदला जाए ताकि पूरे राज्य में एक रूपता बनी रहें।
उक्त गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के रचनात्मक कौशलों का विकास होता है जो बच्चों के संपूर्ण विकास (360° डिग्री) में सहायक है।
बैगलेस डे की गतिविधियाँ 3 स्तरों पर
फाउंडेशनल स्तर कक्षा 1 एवं 2
प्रिपरेटरी स्तर कक्षा 3 से 5
मिडिल स्तरकक्षा 6 से 8
द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार बैगलेस-डे कालखंड
प्रथम कालखंड – आकलन
द्वितीय कालखंड – कला शिक्षा
तृतीय कालखण्ड – ICT
चतुर्थ, पंचम एवं षष्ठम् कालखण्ड – बैगलेस-डे गतिविधि/व्यावसायिक शिक्षा
सप्तम कालखण्ड – शारीरिक शिक्षा और आरोग्य (योग / व्यायाम /खेल)
व्यावसायिक शिक्षा हेतु गतिविधियां
प्रथम कालखंड – जानकारी एवं बातचीत
द्वितीय कालखंड – करके सिखना
अंतिम कालखण्ड – सृजन की गई चीजों का प्रदर्शन
उपरोक्त गतिविधियां सुझावात्मक है।
इसके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ समय सारिणी के अनुसार स्व विवेक से संस्था संचालित कर सकती हैं।