स्वतंत्रता दिवस पर भाषण ( मिडिल स्तर बच्चों के लिए )

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (मिडिल स्तर बच्चों के लिए)

प्रिय अध्यापकगण, अभिभावकगण, और मेरे प्यारे साथियों,

आज हम सभी यहाँ एक बहुत खास दिन, स्वतंत्रता दिवस, मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हर साल 15 अगस्त को, हम अपने देश की स्वतंत्रता की वर्षगांठ मनाते हैं। यह दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को, हम ब्रिटिश शासन से आजाद हुए थे।

स्वतंत्रता के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। महात्मा गांधी जी, भगत सिंह जी, और सुभाष चंद्र बोस जी जैसे महान नेताओं ने अपने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाई। उनकी कड़ी मेहनत और बलिदान के कारण ही हम आज स्वतंत्र भारत में जी रहे हैं।

इस दिन हम अपने देश की आजादी को सम्मानित करते हैं और उन सभी वीरों को याद करते हैं जिन्होंने हमें यह स्वतंत्रता दिलाई। हमें गर्व होना चाहिए कि हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं और हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।

आज हम संकल्प लें कि हम अपने देश की उन्नति और विकास के लिए ईमानदारी से काम करेंगे। हमें एकजुट होकर, अपने देश को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। आइए, हम सब मिलकर अपने देश को एक शानदार भविष्य की ओर ले जाने का वादा करें।

धन्यवाद।

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण 2 ( मिडिल स्तर बच्चों के लिए )

स्कूल के बच्चों के लिए देशभक्ति गीत

यहाँ 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज हम सभी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था। इस आजादी के लिए हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने अनगिनत बलिदान दिए। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने हमें आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण ही हम आज एक स्वतंत्र देश में सांस ले रहे हैं। हमें इन महान नेताओं के संघर्षों को याद रखना चाहिए। हमें अपनी आजादी की रक्षा करनी है और देश को आगे बढ़ाने में योगदान देना है। देश की एकता, अखंडता और सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

आइए, हम सब मिलकर देश के विकास और उन्नति के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

धन्यवाद।

महात्मा गाँधी पर भाषण

यहाँ महात्मा गांधी पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने महात्मा गांधी जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। महात्मा गांधी जी को ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से हमारे देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाई। गांधी जी का मानना था कि हिंसा से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता। उन्होंने हमें सिखाया कि सच्चाई और अहिंसा सबसे बड़े हथियार हैं। गांधी जी का जीवन सादगी, सेवा, और सत्य का प्रतीक है। उनके संघर्षों और आदर्शों ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को प्रेरित किया। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर अपने जीवन में ईमानदारी और सच्चाई को अपनाना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लें और देश की सेवा करें।

धन्यवाद।

भगत सिंह पर भाषण

यहाँ भगत सिंह पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। भगत सिंह जी को उनके साहस, देशभक्ति, और बलिदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे मात्र 23 वर्ष की उम्र में देश की आजादी के लिए शहीद हो गए। भगत सिंह जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और उन्हें कोई डर नहीं था। उनका सपना था कि हमारा देश आजाद हो और हर व्यक्ति को न्याय और समानता मिले। उनके साहसिक कदम और क्रांतिकारी विचारों ने देशभर के युवाओं को प्रेरित किया। उनका नारा “इंकलाब जिंदाबाद” आज भी हमारे दिलों में गूंजता है। हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए और उनके आदर्शों पर चलकर देश की सेवा करनी चाहिए।

आइए, हम भगत सिंह जी की देशभक्ति से प्रेरणा लें और उनके दिखाए रास्ते पर चलें।

धन्यवाद।

सुभाष चन्द्र बोस पर भाषण

यहाँ सुभाष चंद्र बोस पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। सुभाष चंद्र बोस जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे साहसी और क्रांतिकारी नेताओं में से एक थे। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया। उनका नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” आज भी हमारे दिलों में गूंजता है। नेताजी का मानना था कि आजादी की लड़ाई में हमें अपने सभी साधनों का उपयोग करना चाहिए, चाहे वह हिंसा हो या अहिंसा। उन्होंने देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने और एकजुट होकर आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी देशभक्ति और नेतृत्व क्षमता ने लाखों भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। हमें उनके साहस और संघर्ष से सीख लेनी चाहिए और देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर नेताजी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।

धन्यवाद।

लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण

यहाँ लाल बहादुर शास्त्री पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने भारत के महान नेता और दूसरे प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। शास्त्री जी का जीवन सादगी, ईमानदारी, और देशभक्ति का प्रतीक था। उनका प्रसिद्ध नारा “जय जवान, जय किसान” देश के सैनिकों और किसानों के योगदान को सम्मानित करता है। उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश को एकजुट और प्रेरित किया। शास्त्री जी ने सादा जीवन और उच्च विचार का उदाहरण प्रस्तुत किया। वे हमेशा देश के गरीबों और किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहे। उनकी निष्ठा और ईमानदारी ने उन्हें जनता के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। हमें शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश की सेवा और विकास के लिए अपना योगदान देना चाहिए।

आइए, हम सब शास्त्री जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।

धन्यवाद।

डॉ. भीमराव अंबेडकर पर भाषण

यहाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने भारत के महान नेता और संविधान निर्माता, डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। डॉ. अंबेडकर जी ने हमारे देश के संविधान का निर्माण किया, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का आधार है। उनका जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वे हमेशा समाज में समानता और न्याय के लिए लड़ते रहे। अंबेडकर जी का मानना था कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है जिससे हम समाज में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए कड़ी मेहनत की। उनकी कोशिशों से ही हमें आज समानता का अधिकार मिला है। डॉ. अंबेडकर जी ने हमें सिखाया कि हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए, लेकिन साथ ही अपने कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए काम करना चाहिए।

आइए, हम सब डॉ. अंबेडकर जी के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें और देश की उन्नति में अपना योगदान दें।

धन्यवाद।

सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण

यहाँ सरदार वल्लभभाई पटेल पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। सरदार पटेल जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश की आजादी के बाद भारत को एकजुट करने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्हें ‘लौह पुरुष’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने मजबूत इरादों और साहस को बनाए रखा। उन्होंने 500 से अधिक रियासतों का एकीकरण करके भारत को एक संपूर्ण राष्ट्र बनाया। उनका मानना था कि एकजुटता और अखंडता ही देश की ताकत है। सरदार पटेल जी ने किसानों के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया और बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। हमें सरदार पटेल जी से प्रेरणा लेकर देश की एकता, अखंडता और विकास के लिए काम करना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर सरदार पटेल जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें और देश की सेवा में योगदान दें।

धन्यवाद।

चंद्रशेखर आजाद पर भाषण

यहाँ चंद्रशेखर आजाद पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। चंद्रशेखर आजाद जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे साहसी और निडर योद्धाओं में से एक थे। उन्होंने अपना जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। उनका दृढ़ संकल्प था कि वे कभी भी अंग्रेजों के हाथों गिरफ्तार नहीं होंगे, और इसी वचन को निभाते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे वीरों के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया। उनका नाम ही अंग्रेजों के लिए डर का प्रतीक बन गया था। आजाद जी का जीवन साहस, त्याग और देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण है। उनकी निडरता और देशभक्ति हमें यह सिखाती है कि अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरना ही सच्ची वीरता है। हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए और अपने देश की रक्षा और उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर चंद्रशेखर आजाद जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।

धन्यवाद।

रानी लक्ष्मीबाई पर भाषण

यहाँ रानी लक्ष्मीबाई पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने भारत की वीरांगना, रानी लक्ष्मीबाई जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। रानी लक्ष्मीबाई जी को झांसी की रानी के नाम से जाना जाता है, और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे प्रमुख हस्तियों में से एक थीं। उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ वीरता से लड़ाई लड़ी। रानी लक्ष्मीबाई जी का साहस, निडरता और मातृभूमि के प्रति उनका समर्पण आज भी हमें प्रेरित करता है। उन्होंने अपनी छोटी सी सेना के साथ अंग्रेजों का सामना किया और आखिरी सांस तक लड़ाई की। उनकी बहादुरी और संघर्ष ने साबित कर दिया कि एक महिला भी देश की रक्षा के लिए किसी से कम नहीं है। “मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी” के उनके प्रण ने उन्हें अमर बना दिया। रानी लक्ष्मीबाई जी का बलिदान हमें यह सिखाता है कि अपने अधिकारों और देश की रक्षा के लिए हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए। हमें उनकी शहादत को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर रानी लक्ष्मीबाई जी के साहस और देशभक्ति से प्रेरणा लें और देश की सेवा में अपना योगदान दें।

धन्यवाद।

बाल गंगाधर तिलक पर भाषण

यहाँ बाल गंगाधर तिलक पर 10 वाक्यों का एक संक्षिप्त भाषण प्रस्तुत है:

प्रिय अध्यापकगण और मेरे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता बाल गंगाधर तिलक जी के बारे में कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। बाल गंगाधर तिलक जी को ‘लोकमान्य’ के नाम से जाना जाता है और उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्त्रोत माना जाता है। उन्होंने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा दिया, जो स्वतंत्रता आंदोलन का एक प्रमुख उद्घोष बन गया। तिलक जी ने भारतीय समाज में जागरूकता फैलाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से देशवासियों को जागरूक किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। उनका आदर्श और नेतृत्व भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय लेकर आया। उनकी दृढ़ता और राष्ट्रप्रेम ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्त्रोत बना दिया। हमें तिलक जी की त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने देश की सेवा करनी चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर लोकमान्य तिलक जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।

धन्यवाद।

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